copyright

एही ब्लॉग पर प्रकाशित सभटा आलेख लेखक- किशन कारीगर केँ अधीन सर्वाधिकार सुरक्षित | कॉपीराईट अधिनियम के तहत लेखकsक लिखित अनुमति के बिना आलेखsक कोनो अंशक मिमियोग्राफ, छाया प्रति ,रिकार्डिंग ,पुनः मुद्रण नहि कएल जा सकैत अछि E-mail - kishan.tvnews@gmail.com| MO - 09990065181 (All artical of This blogs is all right reserved to writer Kishan Karigar according indian copy right act.)

जून 12, 2011

सेहनता - किशन कारीगर

सेहन्ता ।

हमरो छल एकटा सेहन्ता औ बाबू
कहियो त उठी कहब अहाँ
आब उठू यौ बौआ भेलैए भोर
अहाँक दोस महीम कए रहल छथि सोड़।।

हिचुकै हिंचुकै एसगर हम कनैत छलहु
देखितहुँ अहाँ से छुटि नहि भेल
हालो चाल त पुछितहुँ हमर
मुदा कहियो अहाँ के सेहन्तो नहि भेल।।

हमर सेहन्ता एकटा सपने रहि गेल
कहियो अहाँक हृदय मे हमर स्नेह नहि भेल
कहियो ने दुलार कए उठेलहु हमरा औ बाबू
विधतो केलैन किस्मतक केहेन खेल।।

सोझहे पाईए टा दए देला सँ
बापक फर्ज़ नहि पूरा भए जायत छैक
हमरो बाप केखनो दुलार करितैथ हमरा
अहिं कहू केकरा ने सेहन्ता होइत छैक।।

एहेन विरान जिनगी सँ नीक
हमरा जनमैते किएक नहि मारि देलहु
अपने मगन मे रहलहुँ सब दिन
कुहसैत एसगर हमरा किएक छोड़ि देलहुँ।।

माएक आँचर बापक साया दूनू गोटे
कोनो छोट नेनाक होइत अछि छाया
मुदा केहेन निष्ठुर भेलहु अहाँ
आई धधकि रहल अछि हमर काया।।

हमर किलकारीक गूँज सुनि
कहियो दौगल अबितहुँ अहाँ
कोरा मे लए हमरा दुलार करितहुँ
मुदा कहियो ऐहेन सेहन्ता भेल कहाँ।।

नेनापन के हमर सबटा सेहन्ता
एकटा सपने रहि गेल
मुदा आबो बिचार कए देखू
कहियो अहाँक मुहो मलीन नहि भेल।।

किएक से अहि कहू
हम कोन अपराध केने रही
हमर सबटा सख मनोरथ के बिसैर
अहाँ अपने मगन मे रही।।

हमरा सँ नीक कोनो अनाथ सँ पूछु
केहेन बेबस होइत छैक ओकर जिनगी
अहाँक जिबैतो हम छी अनाथ
एहने बेबस भए गेल हमर जिनगी।।

केहेन वीरान जिनगी भए गेल
आब नहि अछि कोनो सेहन्ता
सबहक बाप सभ केँ  दुलार पुचकार करैथ
आब एतबाक अछि कारीगर के सेहन्ता।।

लेखक:- किशन कारीगर।




2 टिप्‍पणियां:

  1. Nandoo Mangrauna8/06/2011 3:56 am

    Kishan jeek kavita padhi aankhi san nor khasi paral o wastavikata ke varnan kene chhaith. wastav me ekta anathak jingi kehen hoyat chhaik sochi kaya dekhbak chai aa oi dard ke mahsoos kaya dekhbak chahi.

    जवाब देंहटाएं
  2. Padhlahu. Nik laagal. Mithilak yubati aa yubak ke Maithili (Khanti maithili sanskrit kimba angrejia maithili nahi) aa mithilaam ker raksha hetu sangharsh karae padtanhi. Pag ke Maithili identity banayel jaa sakait achhi. Mithilaakshar ke punah jiyal ja sakait achhi. Maiothili ke sab varg, samuday aa jaatik bhasha banenai jaruri. Desi aa khanti shabd sabke taki-taki okra lipivaddha aa paryog me aanab jaruri. Ahank kavita me ekta aabega achhi, ekta arth achhi. Dhanyabaad.
    Ahik
    Dr. Kailash kumar Mishra
    Delhi 09868963743

    जवाब देंहटाएं