copyright

एही ब्लॉग पर प्रकाशित सभटा आलेख लेखक- किशन कारीगर केँ अधीन सर्वाधिकार सुरक्षित | कॉपीराईट अधिनियम के तहत लेखकsक लिखित अनुमति के बिना आलेखsक कोनो अंशक मिमियोग्राफ, छाया प्रति ,रिकार्डिंग ,पुनः मुद्रण नहि कएल जा सकैत अछि E-mail - kishan.tvnews@gmail.com| MO - 09990065181 (All artical of This blogs is all right reserved to writer Kishan Karigar according indian copy right act.)

मार्च 19, 2012

दहेज


दहेज

दहेजक नाम सुनि कऽ
कांइपि उठैत अछि ,माए-बापऽक करेज
कतबो छटपटायब तऽ
लड़कवला कम नहि करताह अपन दहेज।
ओ कहताह, जे बियाह करबाक अछि
तऽ हमरा देबैह परत दहेज
पाई नहि अछि तऽ
बेच लिय अपना जमीनऽक दस्तावेज।
दहेज बिना कोना कऽ करब
हम अपना बेटाक मैरेज
दहेज नहि लेला सऽंॅ खराब होयत
समाज में हमर इमेज।
एहि मॉडर्न जुग मे तऽ
एहेन होइत अछि मैरेज
आयल बरियाति घूरीकऽ जाइत छथि
जऽंॅ कनियो कम होइत अछि दहेज।
मादा-भूर्ण आओर नव कनियाक
जान लऽ लैत अछि इ दहेज
ई सभ देखि सूनि कऽ
काइपि उठैत अछि किशन के करेज।
समाज के बरबाद केने
जा रहल अछि ई दहेज
बचेबाक अछि समाज के तऽ
हटा दियौ ई मुद्रारूपी दहेज।
खाउ एखने सपत ,करू प्रतिज्ञा
जे आब नहि मॅंागब दहेज
बिन दहेजक हेतै आब सभ ठाम
सभहक बेटीक मैरेज।

लेखक:- किशन कारीगर
       संवाददाता, आकाशवाणी दिल्ली ।